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दिल्ली में I.N.D.I.A ब्लॉक की आज बैठक:ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र की मांग

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए विपक्षी पार्टियों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग तेज कर दी है। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मंगलवार को I.N.D.I.A ब्लॉक के नेताओं की बैठक होगी। बैठक के बाद दोपहर करीब 12.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र की मांग को लेकर लोकसभा के 200 से ज्यादा सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे लेटर पर साइन किए हैं। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह लेटर जारी किया जा सकता है। कांग्रेस की तरफ से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा बैठक में शामिल होंगे।

ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने के लिए केंद्र सरकार ने 7 ऑल पार्टी डेलिगेशन को वर्ल्ड टूर पर भेजा है। इस हफ्ते के अंत तक सभी डेलिगेशन वापस भारत लौट जाएंगे। विपक्ष उनके लौटने के बाद अगले हफ्ते विशेष सत्र में इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है।

RJD सांसद बोले- भारत के लोगों को अंधेरे में रखा जा रहा

इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज कुमार झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा था। अपने लेटर में, झा ने कहा कि भारत के लोगों को लगता है कि उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है और वे सरकार के फैसलों और उनके असर पर जवाब पाने के हकदार हैं।

RJD सांसद ने लेटर में लिखा है, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अब तक कम से कम बारह बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाने का क्रेडिट ले चुके हैं। भारत सरकार अब तक विशेष सत्र बुलाने से इनकार करती रही है। इससे पता चलता है कि या तो सरकार अपनी बातों को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं है या वह जवाब देने से बचने की कोशिश कर रही है। दोनों ही देश के लिए खतरनाक हैं।'

CDS के बयान के बाद विशेष सत्र की मांग तेज चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने 31 मई को सिंगापुर में पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारतीय फाइटर जेट गिरने के दावों पर ब्लूमबर्ग से बात की थी। उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे?

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X में CDS अनिल चौहान का इंटरव्यू क्लिप शेयर करते हुए लिखा- इस बयान में यह माना गया कि हमें फाइटर जेट का नुकसान हुआ है। फिर मोदी सरकार इस बात को क्यों छिपा रही है? इस तरह के कई सवालों के जवाब के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी PM मोदी से कई सवाल किए। उन्होंने शनिवार को X पर पोस्ट में लिखा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को स्पष्ट करने के बजाय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सशस्त्र बलों की वीरता का व्यक्तिगत श्रेय ले रहे हैं।'

'PM को बताना भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म करने की शर्तें क्या थीं। क्या भारत और पाकिस्तान अब फिर से एक हो गए हैं? सीजफायर एग्रीमेंट की शर्तें क्या हैं? 140 करोड़ देशभक्त भारतीयों को यह जानने का हक है।'

ममता बोलीं- देश के लोगों को संघर्ष के बारे में जानने का हक कांग्रेस के अलावा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं भारतीय डेलिगेशन के वापस लौटने के बाद केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील करती हूं, क्योंकि मेरा मानना ​​है कि देश के लोगों को हाल के संघर्ष और घटनाक्रम के बारे में किसी और से पहले जानकारी पाने का सबसे बड़ा अधिकार है।'

PAK ने 5 भारतीय विमान गिराने का दावा किया था ऑपरेशन सिंदूर के दिन 7 मई को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में भारतीय फाइटर जेट गिराने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि हमने भारत के हमले के जवाब में कार्रवाई की, जिसमें 5 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया। इनमें 3 राफेल थे। बाद में पाकिस्तान 6 भारतीय विमान गिराने का दावा करने लगा था।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर? 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। इसका बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था।

आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले के बाद, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी की। साथ ही बॉर्डर इलाकों में ड्रोन हमलों की भी कोशिश की। जवाब में, भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस मशीनरी, रडार इन्फ्रास्ट्रक्चर और कम्युनिकेशन सेंटर्स पर हमले किए और उन्हें नष्ट कर दिया।

भारतीय हमले ने पाकिस्तान के 11 एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म करने के लिए सीजफायर की घोषणा की गई।


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