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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज तुर्किये राष्ट्रपति से मिले:साथ देने के लिए शुक्रिया कहा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने रविवार देर रात इस्तांबुल में तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन से मुलाकात की। इस दौरान शहबाज ने भारत के खिलाफ समर्थन देने के लिए तुर्किये का शुक्रिया अदा किया।

दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई। राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा,

तुर्किये और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ते रहेंगे। दोनों देश एक-दूसरे को ट्रेनिंग, खुफिया जानकारी और टेक्नोलॉजिकल सपोर्ट देंगे। इससे दोनों का फायदा होगा। तुर्किये-पाकिस्तान के बीच व्यापार को 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। एनर्जी, ट्रांसपोर्ट और डिफेंस सेक्टरों में सहयोग को बढ़ाया जाएगा।

एर्दोगन ने बताया कि इस्तांबुल-तेहरान-इस्लामाबाद रेलवे लाइन को बेहतर किया जाएगा। साथ ही एजुकेशन सेक्टर में ठोस कदम दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेंगे।

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव बढ़ा, तो तुर्किये-अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को ड्रोन्स-हथियार और इन्हें चलाने वाले ट्रेंड लोग भी भेजे।

4 देशों के दौरे पर हैं PAK पीएम शहबाज

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शनिवार से तुर्किये, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान देशों के दौरे पर हैं। यहां पर भारत के साथ हुए तनाव को लेकर पाकिस्तान के पक्ष रखेंगे। शरीफ 29-30 मई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में ग्लेशियर्स पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी भाग लेंगे।

तुर्किये के राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने 17 मई को कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की। उन्होंने कहा कि वो कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।

एर्दोगान ने कहा ने कहा- भगवान का शुक्र है कि दोनों न्यूक्लियर पावर पड़ोसियों में तनाव कम हो गया। तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए, दोनों पक्षों को मौजूदा मुद्दों से निपटने में संयम दिखाना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि अगर दोनों देश अनुरोध करते हैं तो वो कश्मीर मामल में रोल निभाएंगे। हम शांति चाहते हैं; हम दो पड़ोसियों के बीच कोई तनाव नहीं चाहते।

भारत-पाक तनाव में तुर्किये ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव बढ़ा, तो तुर्किये-अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को ड्रोन्स-हथियार और इन्हें चलाने वाले ट्रेंड लोग भी भेजे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से फोन पर कहा-मैं हमलों में जान गंवाने वाले अपने भाइयों के लिए अल्लाह से रहम की दुआ करता हूं और पाकिस्तान के भाईचारे वाले लोगों और देश के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की सिफारिश का भी समर्थन किया। 10 मई को सीजफायर के बाद शहबाज शरीफ ने एर्दोगन को मदद करने के लिए शुक्रिया अदा किया। इसके बाद देशभर में बॉयकॉट तुर्किये और बॉयकॉट अजरबैजान शुरू हो गया है।

तुर्किये का बॉयकॉट करने के लिए पांच बड़े कदम

  1. भारत के ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म जैसे कि ईजमाईट्रिप और इक्सिगो ने सुरक्षा जोखिम और राजनीतिक तनाव का हवाला देते हुए तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की है।
  2. भारत के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने समझौते को निलंबित कर दिया। AMU ने भी शैक्षिक संबंध खत्म किए।
  3. पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है। इसके बजाय वे हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब खरीद रहे हैं। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने मार्बल का आयात रोकने का सरकार से आग्रह किया है। कानपुर के व्यापारियों ने 80% ऑर्डर कैंसिल कर दिया है। जयपुर के कारोबारियों ने करोड़ों के ऑर्डर रोक दिया है।
  4. अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज के लिए तुर्किए की फर्म सेलेबी के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है।
  5. भारत में तुर्किये का बॉयकॉट लगातार बढ़ता जा रहा है। ट्रैवल एजेंसियों और व्यापारी संगठनों के बाद देश के प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मिंत्रा और रिलायंस की स्वामित्व वाली Ajio ने भी तुर्किये का प्रोडक्ट बेचना बंद कर दिया है। इन प्लेटफॉर्म्स पर ये ब्रांड अब आउट ऑफ स्टॉक हो गए हैं।

भारत-तुर्किये व्यापार: सेब का सबसे बड़ा सप्लायर तुर्किये

बीते 5 साल में दोनों देशों के बीच व्यापार में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है। अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्किये को 5.2 अरब डॉलर (₹44,500 करोड़) का सामान बेचा। 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर (56,873 करोड़ रुपए) था।