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मुंबई में तेज बारिश से विजिबिलिटी कम हुई:पुणे में बादल फटा

देश के 9 राज्यों में मानसून पहुंच चुका है। 24 मई को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु को कवर करने बाद मानसून ने 25 मई को पूरा गोवा और महाराष्ट्र के कुछ हिस्से समेत मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड को कवर किया है।

आज सुबह से ही मुंबई में तेज बारिश हो रही है। मुंबई में घने बादल की वजह से विजिबिलिटी काफी लो है। सुबह 10 बजने लोग गाड़ियों की लाइट ऑन करके ड्राइव कर रहे हैं। विजिबिलिटी कम होने से फ्लाइट सर्विस पर भी इसका असर पड़ रहा है।

रविवार को महाराष्ट्र में 35 साल बाद तय समय से पहले मानसून पहुंचा। राज्य में मानसून अमूमन 5 जून के आसपास एंट्री करता था। इस बार 10 दिन पहले पहुंचा। इसके पहले 1990 में 20 मई को पहुंचा था।

कल पश्चिमी महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश शुरू हुई। रविवार को पुणे में तेज बारिश हुई। पुणे-सोलापुर हाईवे पर पाटस इलाके में बादल फटा। इसके चलते कई नदी-नाले अचानक उफान पर आ गए।

यहां कई गाड़ियां बह गईं, ट्रैक्टर भी पानी में डूब गया। पुणे के बारामती और इंदापुर में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। 200 घरों में पानी भर गया। यहां NDRF की 2 टीमें रेस्क्यू के लिए तैनात की गई हैं।

वहीं, यूपी में आज 27 जिलों में बारिश का अलर्ट है। 15 साल में यह पहला मौका है जब नौतपा के 9 दिन में एक दिन भी लू नहीं चलेगी। नौतपा के पहले दिन 20 जिलों में जोरदार बारिश हुई।

केरल में भारी बारिश जारी, 9 जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद

केरल में भारी बारिश जारी है। त्रिशूर में चलती ट्रेन पर पेड़ गिर गया। कोझिकोड में स्कूटर चलाते समय एक व्यक्ति पर पेड़ गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई। कोडंचेरी में भाई-बहनों की करंट लगने से मौत हो गई। राज्य के 9 जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद हैं।

उत्तरी पलक्कड़ जिले में 40 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 4 पूरी तरह से तहस-नहस हो गए। वायनाड के पदिनजरथरा में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। NDRF की 28 सदस्यीय टीम वायनाड पहुंची है।

मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश में दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ की वजह से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। इस वजह से आने वाले 4 दिन तक आंधी और बारिश का अलर्ट है।

भारत फोरकास्ट सिस्टम की लॉन्चिंग

भारत सरकार आज एडवांस भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) लॉन्च करेगी। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह इसे देश को सौंपेंगे। यह सिस्टम आपदा प्रबंधन, खेती, जल प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा में पंचायत स्तर तक मदद करेगी।

BFS सिस्टम मौसम के बारे में पहले से कहीं ज्यादा सटीक और छोटी से छोटी जानकारी देगा। पुणे के इंडियन इंडियन इंस्टिट्यूट और ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजिकल (IITM) ने इसे तैयार किया है।

BFS सिस्टम 6 KM के रिजोल्यूशन पर मौसम का अनुमान लगाएगा, जो दुनिया में सबसे बेहतर है। इससे छोटी-छोटी मौसम घटनाओं जैसे बारिश, तूफान का पहले से ज्यादा सटीक पता लगाया जा सकेगा। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के सेक्रेटरी एम रविचंद्रन ने बताया कि अब मौसम का पूर्वानुमान पहले से ज्यादा स्थानीय और सटीक होगा।

उन्होंने बताया कि पहले सुपरकम्प्यूटर प्रत्यूष का उपयोग किया जा रहा था, लेकिन अब नए सुपरकम्प्यूटर अर्का का उपयोग किया जाएगा। प्रत्यूष को मौसम मॉडल चलाने में 10 घंटे लगते थे, वहीं अर्का सिर्फ 4 घंटे में काम पूरा कर देता है। यह सिस्टम 40 डॉपलर रडार से डेटा लेती है और भविष्य में 100 रडार के साथ और बेहतर होगी। इससे 2 घंटे के स्थानीय पूर्वानुमान संभव होंगे।