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रक्षा बजट में ₹50 हजार करोड़ बढ़ा सकती है सरकार:नए हथियार खरीदे जाएंगे

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपए बढ़ा सकती है। रक्षा मंत्रालय ने सरकार को फंड बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिल सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि इस फंड से नए हथियार, गोला-बारूद और तकनीक खरीदी जाएंगी। साथ ही सेना की दूसरी जरूरतें, रिसर्च और डेवलमेंट पर भी खर्च किया जाएगा।

50,000 करोड़ रुपए बढ़ोतरी के बाद रक्षा मंत्रालय का ओवरऑल बजट 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश किए गए 2025-26 के बजट में सशस्त्र बलों के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

इस साल का रक्षा बजट पिछले साल की तुलना में करीब 9.2% ज्यादा है। केंद्र ने 2024-25 में सशस्त्र बलों के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए थे। PM मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के पहले बजट 2014-15 में रक्षा मंत्रालय को 2.29 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। बीते 10 साल में रक्षा बजट करीब 3 गुना बढ़ा है।

भारत के सैन्य बजट का 75% सैलरी-पेंशन पर खर्च होता है

फिलहाल भारत का डिफेंस बजट GDP का 1.9% है। भारत अपनी 14 लाख की सेना की सैलरी और पेंशन पर अपने डिफेंस बजट का 75% हिस्सा खर्च करता है, जिससे उसके पास सैन्य आधुनिकीकरण के लिए सिर्फ 25% ही बचता है।

भारतीय वायुसेना को विमानों की 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है। इसके बजाय वायुसेना के पास सिर्फ 31 स्क्वॉड्रन हैं। इसमें भी सक्रिय स्क्वॉड्रन की संख्या 29 ही हैं। मिग 29 बाइसन की 2 स्क्वॉड्रन इसी साल रिटायर हो जांएगी। एक स्क्वॉड्रन में 18 विमान होते हैं। इस हिसाब से वायुसेना के पास 234 विमानों की बड़ी कमी है।

SIPRI का दावा- भारत का सैन्य बजट ₹7.19 लाख करोड़ हुआ

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) का कहना है कि 2024 में दुनिया के पांचवे सबसे बड़े देश भारत का सैन्य खर्च 1.6% बढ़कर 86.1 बिलियन डॉलर (₹7.19 लाख करोड़) हो गया है। वहीं, पाकिस्तान का सैन्य खर्च 10.2 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹85,170 करोड़ रहा।

27 अप्रैल को जारी 'ट्रेंड्स इन वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2024' रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपनी सेना पर पाकिस्तान से 9 गुना ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सैन्य खर्च करने वाले दुनिया के टॉप 5 देश अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी और भारत हैं। इन पांचों का कुल सैन्य खर्च 1635 बिलियन डॉलर यानी ₹136.52 लाख करोड़ है।

रिपोर्ट में इन देशों के सैन्य खर्चों का जिक्र

  • चीन का सैन्य व्यय 7.0% बढ़कर अनुमानित 314 बिलियन डॉलर हो गया, जो लगातार तीन दशकों की बढ़ोतरी दिखाता है।
  • रूस का सैन्य व्यय 2024 में अनुमानित 149 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह रूस की GDP का 7.1% और रूसी सरकार के सभी व्यय का 19% है।
  • यूक्रेन का कुल सैन्य व्यय 2.9% बढ़कर 64.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो रूस के खर्च का 43% है। GDP के 34% हिस्से के साथ, यूक्रेन पर 2024 में किसी भी देश का सबसे बड़ा सैन्य बोझ था।