पाकिस्तान में मुनीर के फैसलों पर कमांडर सवाल उठा रहे:अपने बचाव में पोस्टर लगवा रहे सेनाध्यक्ष
भारत से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान अब अपने ही घर में सेना, संसद और राजनीतिक मोर्चे पर घिर गया है। पाकिस्तान में सबसे बड़ा संकट उसकी ही फौज के भीतर पल रहा है।
सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व को लेकर कोर कमांडरों में असंतोष इतना गहरा है कि उन्होंने खुले तौर पर फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं। कोर कमांडरो में यह भावना गहराती जा रही है कि मुनीर की नीतियों ने न सिर्फ सेना की साख गिराई है, बल्कि पाक को बार-बार संकट में डाला है। वे मौजूदा स्थिति के लिए मुनीर को ही जिम्मेदार मानते हैं।
अपने समर्थन में पोस्टर लगवा रहा मुनीर
मुनीर को सार्वजनिक समर्थन दिखाने के लिए इस्लामाबाद में अपने पोस्टर लगवाने पड़े। ऐसे दृश्य पाक में पहले कभी नहीं देखे गए थे। मुनीर पर सेना प्रमुख बनते ही परिवार को फायदा पहुंचाने का भी आरोप है।
मुनीर को अपने धार्मिक विचारों पर अडिग रहने और विरोध न सहने वाला माना जाता है। पाक के कुछ वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि मुनीर बहस होने पर कमरे से बाहर चला जाता था। वह खुद को शक्तिशाली नेता के रूप में स्थापित करना चाहता है।
राज्यों में तनातनी, खैबर व बलूचिस्तान ने जंग से बनाई दूरी
पाकिस्तान अंदरूनी टकराव की आग में भी जल रहा है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे सीमावर्ती सूबों ने जंग से खुद को अलग कर लिया है। इन इलाकों में आम धारणा है कि यह पाक की नहीं, बल्कि पंजाबी सेना की लड़ाई है।
खैबर पख्तूनख्वा : इस प्रांत के लोग मानते हैं कि दशकों से पाकिस्तानी सेना आतंकियों को पालती रही। अब जब उस नीति का खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है, तब फौज पलटी मार रही है। आम लोगों का कहना है कि आतंकवादी नीति से अब दूरी बनाना दिखावे के सिवा कुछ नहीं है।
बलूचिस्तान : बलोच राष्ट्रवादियों ने भी कह दिया है कि पाक सरकार और फौज ने कभी बलूचिस्तान को अपना हिस्सा माना ही नहीं। प्राकृतिक संसाधनों में हिस्सेदारी तो दूर, हमें नागरिक तक नहीं समझा गया। फौज की लड़ाई से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
पत्नी के रिश्तेदार को देश का गृहमंत्री बनाया
जनरल असीम मुनीर पर आरोप हैं कि उन्होंने मोहसिन नकवी को अहम पद दिलाए। वह मुनीर की पत्नी इरम असीम का रिश्तेदार है। मोहसिन नकवी के पास फिलहाल दो पद हैं। उसके पास पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी है। इन दोनों जिम्मेदारियों के लिए मोहसिन के पास ना तो कोई विशेषज्ञता है, ना ही कोई अनुभव।
मुनीर के मामा का सरकारी नियुक्तियों में दखल
सैयद बाबर अली शाह जनरल मुनीर का मामा है। वह 2023 की शुरुआत से ही इस्लामाबाद की सत्ता के अघोषित केंद्र बन चुका है। सरकारी नियुक्तियों से लेकर प्रमोशन और पुरस्कारों तक में उसकी भूमिका दिखती है। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के पूर्व डीजी अहमद इसहाक जहांगीर की नियुक्ति में भी उसका दखल बताया जा रहा है।
ममेरी बहन मैनेजर से CEO बना दी गई
मुनीर की ममेरी बहन हाजरा सुहैल साल 2022 में स्कॉलरशिप मैनेजर थी। पाकिस्तान एजुकेशन एंडोमेंट फंड में काम कर रही थी। यह संस्था शिक्षा मंत्रालय के अधीन है।
जनवरी 2023 में शिक्षा मंत्रालय ने नए CEO की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की। प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रक्रिया रोकने का आदेश आया। साफ कहा गया कि नाम जनरल हेडक्वार्टर से आएगा।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने आपत्ति जताई, पर पीछे हटना पड़ा। हाजरा को सीधे CEO नहीं बनाया जा सकता था। इसलिए अगस्त 2023 में उसे अचानक जनरल मैनेजर बनाकर पूरी कमान सौंप दी गई। इसके लिए CEO का पद खाली रखा गया।
हालात बिगड़ते देख दुबई पैसा भेजने लगे अफसर
भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान में तख्तापलट अथवा मार्शल लॉ लागू होने की आशंका बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार पिछले तीन दिन के दौरान पाकिस्तान के टॉप लीडर और बड़े फौजी अफसर बड़ी राशि विदेशों में खासकर दुबई भेज रहे हैं।
इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ। जब स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने फॉरेन ट्रांजैक्शन की इन्वेंटरी को चेक किया तो उसमें तीन दिनों के दौरान दुबई के कई अकाउंट्स में पैसे भेजने की बात सामने आई।
इससे सकते में आए SBP ने पाकिस्तान के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों को विदेशों में पैसे भेजने की फ्रीक्वेंसी की स्क्रूटनी के निर्देश दिए हैं। SBP की अब तक की जांच में सामने आया है कि कुछ अकाउंट्स से बड़ी रकम अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में भी भेजी गई है।
पाकिस्तान से दुबई में मनी ट्रांसफर करना इसलिए सुरक्षित माना जाता है क्योंकि दुबई में मनी ट्रांजैक्शन के अमाउंट पर सख्ती नहीं होती है। दुबई में पाकिस्तान के टॉप लीडर्स और वर्तमान-रिटायर पाक फौजी अफसरों के बिजनेस हैं। साथ ही इन्होंने रियल एस्टेट में भी काफी निवेश किया हुआ है।
पाकिस्तान स्टेट बैंक ने तीन दिन की स्क्रूटनी में पकड़े बड़ी रकम के ट्रांजैक्शन
पाकिस्तान में ओपन एक्सचेंज मार्केट से डॉलर मिलना मुश्किल हो गया है। पाक में पासपोर्ट दिखाने पर एक हजार डॉलर मिल जाते हैं, लेकिन ये नहीं मिल पा रहे हैं।
एक्सचेंज कंपनी एसोसिएशन के महासचिव जाफर पराचा ने आशंका जताई कि जंग के और तेज होने से डॉलर की किल्लत आने वाले दिनों में बढ़ने वाली है।
इस बीच, एसबीपी के अनुसार पाकिस्तान के पास अब केवल 12 दिन का आयात बिल चुकाने के लायक ही विदेशी मुद्रा का भंडार बचा हुआ है। शुक्रवार को एसबीपी के पास 2 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बाकी थी।
वर्ल्ड बैंक के अनुसार पाक को 25 दिन के आयात बिल चुकाने का भंडार रखना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार के अभाव में पेट्रोलियम और अन्य जरूरी सामान के आयात पर असर पड़ सकता है।