JNU छात्र संघ चुनाव- 3 पदों पर लेफ्ट की जीत:नीतीश कुमार प्रेसिडेंट बने
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (JNSU) चुनाव में लेफ्ट ने 4 में 3 पदों पर जीत हासिल की है। प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी पद पर लेफ्ट समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स असोसिएशन (AISA) के कैंडिडेट जीते हैं। RSS समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने 9 साल बाद सत्ता में वापसी करते हुए जॉइंट सेक्रेटरी पद जीता है।
AISA के नीतीश कुमार ने प्रेसिडेंट पद पर जीत दर्ज की है। डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) की मनीषा ने वाइस प्रेसिडेंट और मुन्तहा फातिमा ने जनरल सेक्रेटरी पद पर जीत हासिल की। AISA और DSF ने साथ चुनाव लड़ा था। वहीं, ABVP के वैभव मीणा 1518 वोटों के साथ जॉइंट सेक्रेटरी चुने गए।
JNSU चुनाव के लिए 25 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। रविवार देर रात तक काउंटिंग के बाद नतीजे घोषित हुए। JNU चुनाव आयोग के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था। 7,906 छात्रों में से लगभग 5,500 ने अपने वोट डाले थे। JNSU के चुनाव पहले 8 अप्रैल को होने थे, लेकिन कैंपस में हिंसा के कारण 25 अप्रैल को मतदान हुए।
नीतीश ने ABVP उम्मीदवार को 272 वोटों से हराया प्रेसिडेंट पद जीतने वाले नीतीश को कुल 1,702 वोट मिले। उन्होंने ABVP की शिखा स्वराज को 272 वोटों से हराया। शिखा को 1,430 वोट मिले, जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) समर्थित तैयब्बा अहमद को 918 वोट मिले।
डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) की मनीषा को 1,150 वोट हासिल हुए, जबकि ABVP के निट्टू गौतम को 1,116 वोट मिले। DSF की मुन्तहा फातिमा को 1,520 वोट मिले, जबकि ABVP के कुणाल राय को 1,406 वोट मिले।
ABVP के वैभव मीना को 1,518 वोट मिले, जबकि AISA के नरेश कुमार को 1,433 वोट और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PSA) की निगम कुमारी को 1,433 वोट मिले।
विनर कैंडिडेट्स के बयान...
- नीतीश कुमार: कैंपस में लगातार फंड काटा जा रहा है। हम सरकार के खजाने से खींच कर फंड लाएंगे। कैंपस के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद किया गया है उसको बेहतर किया जाएगा।
- मनीषा: इस जीत पूरे विश्वविद्यालय की जीत है। ये बाबा साहब की जीत है, उनके सपने की जीत है। JNU लाल था और लाल ही रहेगा। हम छात्रों के लिए काम करेंगे।
- मुन्तहा फातिमा: यहां हमेशा लेफ्ट यूनिट जीती है। हमें शिक्षा के केंद्रीकरण और निजीकरण के खिलाफ लड़ना है। हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।
- वैभव मीना: JNU में भगवा लहरा चुका है। हमने एक दशक के बाद यह जीत हासिल की है, और अगले चुनाव में ABVP सभी चार सीटें जीतेगी।
लेफ्ट की पार्टियों में फूट, ABVP ने अकेले चुनाव लड़ा JNSU चुनाव में इस बार लेफ्ट अलायंस के बीच में दरार देखने को मिली। AISA और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) ने एक साथ चुनाव लड़ा, जबकि SFI और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) ने बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (BAPSA) और प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PSA) के साथ गठबंधन किया।
ABVP ने अकेले चुनाव लड़ा और जॉइंट सेक्रेटरी पद जीतकर 9 साल बाद सेंट्रल पैनल में जगह बनाई। पिछली बार ABVP ने 2015 में सेंट्रल पैनल सीट जीती थी, जब सौरभ शर्मा ने जॉइंट सेक्रेटरी पद हासिल किया था। पार्टी ने 2000-01 में प्रेसिडेंट पद जीता था। तब ABVP के संदीप महापात्रा प्रेसिडेंट बने थे।
2024 में लेफ्ट ने चारों पदों पर जीत हासिल की थी
पिछले साल JNSU चुनाव में लेफ्ट ने चारों सीटों- प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, जनरल सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पर जीत हासिल की थी। ABVP को हार का सामना करना पड़ा। 2973 वोट पाकर धनंजय स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट बने थे। उन्होंने ABVP के उमेश चंद्र अजमीरा को 934 वोटों से हराया था।
अविजीत घोष वाइस प्रेसिडेंट, प्रियांशी आर्य जनरल सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर मोहम्मद साजिद ने जीत हासिल की थी। 2024 में JNU में 4 साल बाद चुनाव हुए थे। 22 मार्च को रिकॉर्ड 73% वोटिंग हुई थी। 12 सालों के दौरान पहली ऐसा पहली बार हुआ था, जब इतनी ज्यादा संख्या वोट पड़े हों। इससे पहले 2019 में 67.9% मतदान हुआ था।