Loading...

हिसार का जवान असम में शहीद:नदी में सिविलियन को बचाने कूदा था

हरियाणा में हिसार जिले के गांव भिवानी रोहिल्ला के रहने वाले जवान सचिन रोहिल (25) असम में शहीद हो गए हैं। सचिन भारतीय वायुसेना में 11एयर विंग में असम के जिला तेजपुर में तैनात थे। वह असम के सोनितपुर जिले के भालुकपोंग में भराली नदी में डूबने के बाद सोमवार से लापता थे। जानकारी के अनुसार, वह किसी सिविलियन को बचाने के लिए नदी में कूदे थे। इसके बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया। तेजपुर के 267 सिग्नल एयर फोर्स कैंप के जवान सचिन रोहिल का शव मंगलवार सुबह ITBP की 59वीं बटालियन ने बरामद किया।

वारदात से कुछ घंटों पहले ही सचिन की बातचीत परिजनों से हुई थी, जिसमें उन्होंने अगले महीने घर आने का वादा किया था। अब जवान का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10 बजे उनके पैतृक गांव भिवानी रोहिल्ला पहुंचेगा, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।

8 साल पहले पिता गुजरे थे, अविवाहित थे सचिन सचिन की वायुसेना में भर्ती 2019 में हुई थी। उनका परिवार वर्तमान में जींद में रहता है। करीब 8 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी मां कमलेश गृहिणी हैं और भाई सागर प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनके दादा, चाचा और अन्य परिजन अभी गांव भिवानी रोहिल्ला में ही रहते हैं।

20 वर्ष पूर्व परिवार चला गया था जींद सचिन का परिवार 20 साल पहले जींद आ गया था। यहां उनके पिता पोल्ट्री फार्म चलाते थे। उनके निधन के बाद सचिन और उनके भाई सागर को मां ने ही पालकर बड़ा किया।

फिलहाल, दोनों भाई अविवाहित ही थे, लेकिन इसी साल दिसंबर तक सचिन की शादी की प्लानिंग चल रही थी। उनके लिए परिजन लड़की की तलाश कर रहे थे। सचिन को नौकरी पर गए करीब 5 साल बीत गए थे और सेवा के दौरान ही करीब 6 महीने पहले उन्होंने कमांडो का कोर्स पूरा किया था।

वारदात से कुछ घंटे पहले ही परिजनों से बात हुई कोर्स पूरा करने के बाद ही वह अंतिम बार नवंबर में घर आए थे। अब उन्हें अगले महीने ही घर आना था। परिजनों के अनुसार, वारदात से कुछ घंटों पर ही उनकी घर पर बात हुई थी। उन्होंने सभी परिजनों से हाल पूछा था और अगले महीने आने का वादा किया था। इसके बाद यह हादसा हुआ।

ITBP ने पूरे दिन सर्च ऑपरेशन चलाया जैसे ही ITBP को सचिन रोहिल के डूबने की खबर मिली तो उन्होंने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सहायक कमांडेंट (जीडी) गंभीर सिंह चौहान के नेतृत्व में 59 बीएन आईटीबीपी द्वारा समर्पित कर्मियों की एक टीम के साथ गहन खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया।

टीम में इंस्पेक्टर (जीडी) चंदर मणि, हवलदार एच मनलुन, पुरा यामिंग, ज्ञाति तसंग, कॉन्स्टेबल माचांग सांगचो, ताबा निगलर, एसटी रेम्बो, निंग्वा लिम्बु और बोगिन नितिक शामिल थे। आईटीबीपी की टीम ने रोहिल के शव को सफलतापूर्वक बरामद कर अधिकारियों को सौंप दिया। ITBP अपने असाधारण आपदा बचाव अभियानों के लिए जानी जाती है।