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कल की गिरावट के बाद सेंसेक्स 1135 अंक चढ़कर बंद:74200 के पार पहुंचा

कल की 3% की गिरावट के बाद शेयर बाजार में आज 8 अप्रैल को तेजी रही। सेंसेक्स 1135 अंक या 1.55% चढ़कर 74,273 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में 374 अंक या 1.69% की तेजी रही, ये 22,535 के स्तर पर बंद हुआ है। आज के कारोबार में मीडिया, रियल्टी और सरकारी बैंकों के शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी दिखी। निफ्टी मीडिया इंडेक्स 4.72% चढ़ा। वहीं निफ्टी पीएसयू बैंक और रियल्टी इंडेक्स करीब 2.50% चढ़े। FMCG, आईटी और ऑटो में करीब 2% की तेजी रही।

बाजार के चढ़ने के 3 कारण

  • एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स करीब 6% चढ़कर बंद हुआ। वहीं हॉन्गकॉन्ग के इंडेक्स में 1.51% की तेजी रही।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि कई देश टैरिफ पर बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं। इससे ट्रेड वॉर टेंशन थोड़ी कम हुई है।
  • निफ्टी 50 और सेंसेक्स के चार्ट ओवरसोल्ड RSI लेवल दिखा रहे थे। इससे शॉर्ट-कवरिंग और नई खरीदारी की उम्मीद पहले से थी।

7 अप्रैल को अमेरिकी बाजार में 0.91% की गिरावट रही

  • 7 अप्रैल को अमेरिका का डाउ जोन्स 349 अंक (0.91%) गिरकर 37,965 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में 0.23% की गिरावट रही। नैस्डेक कंपोजिट 0.09% चढ़ा था।
  • जापान के निक्केई में 7.83%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 5.57%, चीन का शंघाई इंडेक्स 7.34% गिरा है। हॉन्गकॉन्ग के हैंगसेंग इंडेक्स में 13.22% की गिरावट रही थी।
  • यूरोपीय बाजारों में जर्मनी का डैक्स इंडेक्स 4.26% गिरकर बंद हुआ। UK के FTSE 100 इंडेक्स में 4.38% और स्पेन का IBEX 35 इंडेक्स 5.12% गिरकर बंद हुआ था।

कल सेंसेक्स 2226 अंक और निफ्टी 742 अंक गिरा था

7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में साल की दूसरी बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 2226 अंक (2.95%) गिरकर 73,137 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 742 अंक (3.24%) की गिरावट रही, ये 22,161 के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार 5.74% गिरा था।

शेयर बाजार में बिकवाली से निवेशकों की वेल्थ करीब 15 लाख करोड़ रुपए घट गई है। शुक्रवार, 4 अप्रैल को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था, जो सोमवार को बाजार बंद होने के बाद लगभग 389 लाख करोड़ रुपए रह गया है।

बाजार में अस्थिरता की वजह

3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।

इस कदम ने टैरिफ वॉर शुरू कर दिया है। अमेरिका के टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा।

चीन के ऐलान के बाद ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि अगर चीन अमेरिका पर लगाया गया 34% टैरिफ वापस नहीं लेता है तो उस पर बुधवार से 50% एडिशनल टैरिफ लागू होगा।

टैरिफ वॉर ने इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता को बढ़ा दिया है। टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है।

9 अप्रैल से लागू होंगे रेसिप्रोकल टैरिफ

अमेरिका में आने वाले सभी सामानों पर 10% बेसलाइन (न्यूनतम) टैरिफ लगाया गया है। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से लागू हो गया है। वहीं रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल को रात 12 बजे के बाद लागू होंगे। बेसलाइन टैरिफ व्यापार के सामान्य नियमों के तहत आयात पर लगाया जाता है, जबकि रेसिप्रोकल टैरिफ किसी अन्य देश के टैरिफ के जवाब में लगाया जाता है।

रेसिप्रोकल टैरिफ के ऐलान के बाद भारतीय बाजार का हाल

  • बीते हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 4 अप्रैल को सेंसेक्स 930 अंक (1.22%) की गिरावट के साथ 75,364 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में 345 अंक (1.49%) की गिरावट रही, ये 22,904 के स्तर पर बंद हुआ था।
  • 3 अप्रैल को सेंसेक्स 322 अंक की गिरावट के साथ 76,295 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी में भी 82 अंक की गिरावट रही, ये 23,250 के स्तर पर बंद हुआ था।