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BIMSTEC समिट में शामिल होने पहुंचे PM मोदी:थाईलैंड की PM शिनवात्रा ने स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के थाईलैंड दौरे का आज दूसरा दिन हैं। वे BIMSTEC देशों की 6वीं समिट में शामिल होने पहुंचे हैं। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने उनका स्वागत किया। आज होने वाली BIMSTEC समिट के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस की बातचीत हो सकती है। कल रात BIMSTEC डिनर में दोनों नेता एक साथ दिखाई दिए थे। बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में हुए तख्तापलट के बाद ये पहला मौका था जब भारतीय PM और बांग्लादेशी सरकार के मुख्य सलाहकार की मुलाकात हुई। इससे पहले उन्होंने आज म्यांमार के मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग से मुलाकात की। इस दौरान PM मोदी ने म्यांमार में भूकंप की वजह से मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही कहा कि भारत म्यांमार की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

BIMSTEC क्या है, भारत के लिए यह जरूरी क्यों है…

1990 के दशक में शीत युद्ध के अंत और सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया तेजी से बदली। ग्लोबलाइजेशन के दौर में देशों को आर्थिक गठबंधन बनाने पर मजबूर होना पड़ा। साउथ और साउथ-ईस्ट एशिया के देशों में इस बात की जरूरत महसूस हुई।

साउथ-ईस्ट एशियाई देशों के पास ASEAN (Association of Southeast Asian Nations) था, जो काफी हद तक सफल था, लेकिन इसमें भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को कोई जगह नहीं मिली थी। यानी, भारत और उसके पड़ोसी देशों के लिए कोई ऐसा मंच नहीं था जो आर्थिक सहयोग को मजबूती से आगे बढ़ा सके।

थाईलैंड के पूर्व विदेश मंत्री थानात खमनन ने 1994 में BIMSTEC की स्थापना का विचार दिया था। थाईलैंड ने ‘लुक वेस्ट पॉलिसी’ के तहत एक क्षेत्रीय ग्रुप के गठन का प्रस्ताव रखा था जो दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ सके। भारत को भी अपनी लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अपने संबंध मजबूत करने थे। इसलिए दोनों देशों की पहल पर 1997 में इसका गठन हुआ।