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धनबाद में NIA की रेड, डायनामाइट-अमोनियम, 98 पेटी जिलेटिन मिले

धनबाद में NIA की रेड में डायनामाइट, अमोनियम, 98 पेटी जिलेटिन मिले हैं। 9 घंटे तक छापेमारी चली। इसका इस्तेमाल बंगाल में सीरियल ब्लास्ट के लिए किया जा सकता था। ये सारे विस्फोटक NIA टीम को चिरकुंडा के डूमरकुंडा बाबूडंगाल स्थित अमरजीत के घर और दुकान के साथ कालूबथान ओपी क्षेत्र के बोरिया गांव के सुनसान स्थल पर बने पोल्ट्री फॉर्म से मिले हैं। NIA रेड की सूचना मिलते ही चिरकुंडा निवासी अमरजीत शर्मा उर्फ अमर रवानी फरार हो गया। टीम ने उसके भाई संजय रवानी को पकड़ा। संजय रवानी की निशानदेही पर अमरजीत के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर विस्फोटकों की बरामदगी की। टीम को 38 पेटियों में बंद जिलेटिन, डेटोनेटर एवं 8 बोरा अमोनियम नाइट्रेट मिले। हर एक बोरा 50-50 किलो का था।

विस्फोट करने में इस्तेमाल होने वाला केबल भी बरामद हुआ। एनआईए टीम के अनुसार बरामद किए गए विस्फोटकों से किसी भी शहर को एक घंटे में तबाह किया जा सकता है। कार्रवाई के बाद एनआईए के टीम ने बारूद गाड़ी बुलवाकर विस्फोटक सामग्रियां अपने साथ ले गई।

अब जानिए रेड के पीछे की कहानी

दरअसल टीम बंगाल के बांकुड़ा जिले के सालतोड़िया गांव में बम ब्लास्ट के मामले की जांच कर रही है। छापेमारी दल के सदस्यों ने कहा कि मई 2024 में बांकुड़ा जिले के सालतोड़िया में विस्फोट में एक व्यक्ति मारा गया था। डेटोनेटर व जिलेटिन से विस्फोट का मामला सामने आया। सुनसान में घर बनाकर विस्फोटक आतंकियों तक पहुंचाए जाते थे। बांग्लादेशी आतंकियों के इशारे पर बंगाल को दहलाने की साजिश रची गई थी। इसी को लेकर छापेमारी की गई।

कौन है अमरजीत रवानी

जानकारी के अनुसार अमरजीत धनबाद के डुमरकुंडा का रहने वाला है। उसके पिता रामप्रसाद का लकड़ी का कारोबार था। उनके मरने के बाद उनका बेटा संजय रवानी और दूसरे भाईयों ने काम को संभाला। लकड़ी कारोबार में कमी आने के बाद ये लोग विस्फोटक के अवैध कारोबार चलाने लगे। इस बात की भनक पड़ोसियों को तब हुई जब तीन साल पहले उसके ठिकानों पर छापेमारी हुई।

अमरजीत का एक भाई रंजीत मोहल्ले में राशन की दुकान चलाता है। जांच के दौरान टीम को पता चला कि अमरजीत का बांग्लादेशी आतंकियों से लिंक है। हाल के दिनों में बांग्लादेश में मची अव्यवस्था के बाद बांग्लादेशी आतंकी पश्चिम बंगाल के कई इलाकों को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं।

विस्फोटक के लिए कमरे को बनाया था सुरक्षित

डेटोनेटर, जेलेटिन, अमोनियम नाइट्रेट को सुरक्षित रखने के लिए दो कमरों के मकान में बिजली काट दी गई थी। विस्फोटकों को थर्मोकोल से अलग-अलग कर रखा गया था। ग्रामीणों को झांसा देने के लिए रामनवमी पर अमर ने वहां बजरंगबली का झंडा लगाकर आसपास के लोगों के बीच प्रसाद भी बांटा था।

दिन ढलने पर बंद पॉल्ट्री फार्म में आता था अमरजीत

बोरियो के ग्रामीणों ने बताया कि 6 वर्ष पूर्व चिरकुंडा के अमरजीत ने सुनसान में जमीन खरीद कर पॉल्ट्री फार्म बनाया था। वर्ष 2022 से वह बंद है। दिन ढलने पर अमरजीत 2-3 महिलाओं के साथ आता था। वह अपना नाम अमरजीत शर्मा बताता था, पर एनआईए ने अमर रवानी बताया है।